कर्मकाण्ड प्रशिक्षण पाठ्यक्रम (एकवर्षीय)
Certificate of Karmkand Prashikshan Diploma (One Year)
पाठ्यक्रम
भाग-1 देवकर्म
- प्रात: स्मरण नित्यकर्म विधि।
- सन्ध्योपासन, गायत्री मंत्र जप एवं हवन विधि।
- पूजनोपचार ज्ञान
- पञ्चाङ्ग देवता पूजन।
- सभी कार्यों की संकल्प योजना।
- षोडश संस्कार का सामान्य ज्ञान। (विवाह तथा उपनयन संस्कार कराने की विधि)।
- पञ्चदेव (विष्णु, शिव, दुर्गा, गणेश, सूर्य) पूजन विधि।
- वेदी निर्माण ज्ञान, देवस्थापन एवं पूजन।
- सत्यनारायण कथा, हरितालिका तीज ऋातकथा, सन्तानसप्तमी ऋातकथा विधि।
- अनुष्ठान की सामान्य विधि- महामृत्युञ्जय, ग्रहशान्ति, मूलशान्ति, कालसर्पयोग शान्ति (नवचण्डी पाठविधि)।
- ऋात/उद्यापन विधि (जन्माष्टमी, रामनवमी, शिवरात्रि, नवरात्रि, एकादशी, प्रदोष, तीज, ललछी छठ,गणेश चतुर्थी)।
- वृक्षारोपण विधि।
- वर्धापन पूजा (जन्मतिथि की पूजा)
- गृहारम्भ, गृहप्रवेश विधि।
- देवताओं में विहित एवं वर्जित पत्र पुष्पादि का ज्ञान।
भाग-2 प्रेतकर्म, मृतक कर्म, पितृकर्म
- अगि्नदाह विधि।
- पार्वण, एकोदिष्ट श्राद्ध।
- त्रयोदशाह विधि, द्वादशाह (वार्षिकी विधि)
- पितृपक्ष में पितृ तर्पण विधि
भाग-3 ज्योतिष
- पञ्चाङ्ग ज्ञान।
- मुहूर्त्त ज्ञान।
- जन्मपत्र निर्माण विधि।
- वैवाहिक लग्नपत्रिका लेखन
- नक्षत्र, लग्न, राशि राशीश, नवग्रह।
- होडाचक्र, वैवाहिक मेलापक।
- मंगली विचार।
- जन्माङ्ग चक्र, नवांश चक्र।
- विंशोत्तरी दशाज्ञान।
निर्धारित पाठ्य पुस्तकें
नित्यकर्म पूजा प्रकाश, कर्मकाण्ड प्रबोध, ब्रह्मवर्चस्व सिद्धि, स्तोत्र मंजूषा, कुशकण्डिका रहस्य, त्रयोदशाह पद्धति, नारायण बलि पद्धति, त्रिपिण्डी श्राद्ध पद्धति, अन्त्येष्टि विधि, सत्यनारायण व्रतकथा, रुद्राष्टाध्यायी।